फ़ॉरेक्स शब्दावली – शर्तें, अवधारणाएं, परिभाषाएं

खाता (Account) – डेटाबेस का रिकॉर्ड, जिसमें खाताधारक और सिस्टम की अन्य वस्तुओं के बारे में जानकारी होती है।

आर्बिट्रेज (Arbitrage) – एक मार्केट से दूसरे मार्केट में धन ट्रांसफ़र करके ब्याज दरों, विनिमय दरों या कमोडिटी की कीमतों में अंतर से मुनाफा कमाना।

आस्क (Ask) – वह मूल्य जिस पर आप मुद्रा खरीद सकते हैं। आस्क मूल्य बिड मूल्य से बड़ा होता है।

ऑसी (AUD) (Aussie (AUD)) – ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का बोलचाल का शब्द।

स्वचालित ट्रेडिंग (Automated trading) – ट्रेडिंग की विधि जिसमे विशेष प्रोग्राम्स, किसी विशेष प्रणाली के आधार पर, ट्रेडर की ओर से ऑर्डर निष्पादित करते हैं, जिसमे ट्रेडर के इनपुट की जरूरत नहीं होती।

बैलेंस (Balance) – एक निश्चित समय पे अंतिम लेनदेन को पूरा करने के बाद ट्रेडिंग खाते की कुल धनराशि।

आधार मुद्रा (Base currency) – वह मुद्रा जो मुद्रा जोड़ी में पहले स्थान पर है। सभी लेनदेन आधार मुद्रा से किए जाते हैं।

बेयर (Bear) – ट्रेडर, जो मानता है की मुद्रा का अवमूल्यन होगा।

बिड (Bid) – वह मूल्य जिस पर आप मुद्रा बेच सकते हैं। बिड मूल्य, आस्क मूल्य से कम होता है।

ब्रोकर (Broker) – व्यक्ति या कंपनी जो शुल्क (कमीशन शुल्क) लेके खरीदार और आर्थिक साधनों के विक्रेता के बीच एक एजेंट होने की जिम्मेदारी लेते है।

बुल (Bull) – ट्रेडर, जो मानता है की विनिमय दर में वृद्धि आयेगी।

बाय लिमिट (Buy limit) – वर्तमान कीमत से कम कीमत पर खरीदने के लिए पेंडिंग ऑर्डर। यह इस उम्मीद के साथ रखा जाता है कि मूल्य एक निश्चित स्तर तक गिर जाएगा और फिर से बढ़ना शुरू होगा।

बाय स्टॉप (Buy stop) – वर्तमान कीमत से अधिक कीमत पर खरीदने के लिए पेंडिंग ऑर्डर। यह इस उम्मीद के साथ रखा जाता है कि मूल्य एक निश्चित स्तर पर पहुंच जाएगा और फिर बढ़ता रहेगा।

केबल (Cable) – पाउंड मुद्रा का बोलचाल का शब्द। इसे यह नाम इस लिए दिया गया है क्योंकि सब से पहले कोटेशन 19 वीं सदी में ट्रांस-अटलांटिक केबल द्वारा अमरीका भेजे गए थे।

कैंडलस्टिक (Candlesticks) – आर्थिक साधनों में आते दर परिवर्तनों का चार्ट प्रदर्शित करने का एक तरीका।

सेंट्रल बैंक (Central bank) – बैंक जो सरकार और अपने देश के व्यावसायिक बैंकों को आर्थिक सेवाएं प्रदान करती है।

क्रॉस मुद्रा जोड़े (Cross currency pairs) – मुद्रा जोड़े जिसमे USD नहीं होता। उदाहरण के लिए, EUR/JPY।

मुद्रा जोड़ी (Currency pair) – आर्थिक साधन, जिसे विदेशी मुद्रा मार्केट में ट्रेड किया जाता है। मुद्रा जोड़ी दो मुद्राओं द्वारा बनती है, जिन्हें एक दूसरे के अनुपात के रूप में लिखा जाता है। उदाहरण के लिए, USD/JPY। इसके परिणाम को विनिमय दर या कोटेशन कहा जाता है।

डे ट्रेडिंग (Day trading) – ट्रेडिंग ऑपरेशन जो एक दिन के भीतर पुरे हो जाते है।

डीलर (Dealer) – व्यक्ति या कंपनी, जिनके साथ ट्रेडर का समझौता होता है। वे ट्रेडिंग ऑपरेशन की मूल बातें नियंत्रित करते है। डीलर लेन-देन के दूसरे भाग की जिम्मेदारी लेता है।

डिपॉजिट (Deposit) – आगे की लेनदेन के लिए खाते में डाली गई धन राशि।

विविधीकरण (Diversification) – एक रणनीति, जिसका उद्देश्य विभिन्न आर्थिक साधनों या निवेश की वस्तुओं में निवेश करके जोखिम को कम करना है।

इक्विटी (Equity) – इंडिकेटर जो ट्रेडर के खाते का वर्तमान स्टेटस बताता है। इसकी गणना इस प्रकार की जाती है: इक्विटी = बैलेंस + क्रेडिट + फ्लोटिंग प्रॉफिट - फ्लोटिंग लॉस।

विनिमय दर (कोटेशन) (Exchange rate (quotation)) – एक मुद्रा से दूसरी मुद्रा की कीमत का अनुपात। उदाहरण के लिए, अगर 1 EUR को 1.3000 USD में खरीदा जा सकता है, तो यह ऐसा दिखेगा: EUR/USD = 1.3000।

एक्सपर्ट एडवाइजर (Expert Advisor) – एक स्वचालित प्रणाली (स्क्रिप्ट), जो पूर्व निर्धारित एल्गोरिथ्म के आधार पर ट्रेडर के इनपुट के बिना ट्रेड को निष्पादित करता है।

आर्थिक साधन (Financial instrument) – आर्थिक वातावरण के मार्केट उत्पाद का प्रकार (जैसे की मुद्रा, शेयर, फ्यूचर्स, ऑप्शन, आदि)

फ्लैट (Flat) – एक अवधि, जब कीमत एक ही सीमा के भीतर रहती है और वृद्धि या कमी की दिशा व्यक्त नहीं करती।

मौलिक विश्लेषण (Fundamental analysis) – एक प्रकार का मार्केट विश्लेषण, जहां पूर्वानुमान आर्थिक मार्केट की खबरों पर आधारित होता है; मार्केट की चाल की भविष्यवाणी करने के लिए आर्थिक और राजनीतिक जानकारी का विश्लेषण।

गैप (Gap) – ट्रेडिंग अवधि की ओपन प्राइज और पिछली ट्रेडिंग अवधि की क्लोज प्राइस के बीच बेमेल के कारण कोटेशन ग्राफ पर उत्पन्न हुआ ब्रेक। यह अनपेक्षित परिस्थितियों (जैसे की सप्ताहांत के बाद) के कारण हो सकता है।

हेजिंग (Hedging) – जोखिम को कम करने के लिए आर्थिक साधन का उपयोग, जो नकारात्मक मार्केट से प्रभावित दूसरे आर्थिक साधन की कीमत से जुड़ा हुआ है, जो पहले साधन के साथ या उससे उतपन्न हुए नकदी प्रवाह के साथ जुड़ा हुआ है।

इंडिकेटर (Indicator) – तकनीकी विश्लेषण में उपयोग किए जाने वाले सांख्यिकीय आंकड़ों पे आधारित मूल्य गति-विधि के कंप्यूटर विश्लेषण टूल्स।

त्वरित निष्पादन (Instant Execution) – ऑर्डर निष्पादन का एक तरीका, जहां निर्दिष्ट मूल्य पर ऑर्डर निष्पादित किया जाता है। यदि ट्रेडिंग सर्वर तक पहोचते समय मूल्य बदल जाता है, तो ग्राहक को मूल्य परिवर्तन (रिकोटेशन) के बारे में सूचना मिलती है। ट्रेडर या तो नई कीमत स्वीकार कर सकता है या ऑर्डर का निष्पादन रद कर सकता है।

कीवी (NZD) (Kiwi (NZD)) – न्यूजीलैंड मुद्रा का बोलचाल का शब्द (न्यूजीलैंड डॉलर)।

लेवरेज (Leverage) – यह उपकरण, जिनके पास राशि का केवल एक हिस्सा होता है, उन्हें ट्रेड करने के लिए बड़ी रकम देता है। उदाहरण के लिए, 1:100 लेवरेज के साथ आप केवल 1,000 USD की मदद से 100,000 USD वॉल्यूम का ट्रेड कर सकते हैं।

लिक्विडिटी (Liquidity) – एक एसेट को दूसरे से बदलने की विशेषता। बड़ी लिक्विडिटी की मदद से कीमत में काफी बदलाव के बिना बड़ा सौदा करने का अवसर मिलता है।

लॉक (Lock) – एक समय में विपरीत दिशाओं में खुले एक ही आर्थिक उपकरण की दो पोजीशन।

लॉन्ग (Long) – खरीदने की पोजीशन। मार्केट कीमत बढ़ने पर इसका मुनाफा बढ़ता है।

लॉट (Lot) – कुछ निश्चित यूनिट्स या कुल एसेट जिनका उपयोग किसी उपकरण के ट्रेड को निष्पादित करने के लिए होता है (जैसे की मुद्रा जोड़े, एक स्टेंडर्ड फ़ॉरेक्स लॉट में 100,000 बेस मुद्रा के यूनिट्स होते है)।
  • स्टेंडर्ड लॉट साइज – 1 लॉट – आधार मुद्रा के 100,000 यूनिट के बराबर है;
  • मिनी लॉट साइज – 0.1 लॉट – आधार मुद्रा के 10,000 यूनिट के बराबर है;
  • माइक्रो लॉट साइज – 0.01 लॉट – आधार मुद्रा के 1,000 यूनिट के बराबर है।

मेजर (Majors) – मुख्य मुद्रा जोड़े: EUR/USD, GBP/USD, USD/JPY, USD/CHF, AUD/USD, GBP/JPY, EUR/JPY और USD/CAD।

मार्जिन (Margin) – लेवरेज की सहायता से ट्रेड निष्पादित करने के लिए आवश्यक गारंटी। उदाहरण के लिए, यदि लेवरेज 1:100 है और ऑर्डर की मात्रा 10,000 USD है, तो मार्जिन 100 USD होगा।

मार्जिन कॉल (Margin call) – यह एक अधिसूचना है जो दर्शाती है कि ट्रेडिंग खाते में बहुत कम धनराशि बची है और नकारात्मक मार्केट झुकाव के मामले में स्टॉप आउट हो सकता है। यह अधिसूचना उस समय भेजी जाती है जब ट्रेडिंग खाते में शेष धन, मार्जिन (उदाहरण के लिए, 40%) का एक निश्चित प्रतिशत होता है।

मार्केट निष्पादन (Market Execution) – ऑर्डर निष्पादन का एक तरीका, जहां ऑर्डर किसी भी मामले में निष्पादित किया जाता है। यदि ऑर्डर निष्पादन के समय कीमत बदल जाती है, तो इसे नयी परिवर्तित कीमत पर निष्पादित किया जाता है।

मार्केट-मेकर (Market-maker) – एक बड़ा बैंक या आर्थिक संगठन, जो मार्केट में इसके संचालन के प्रमुख भाग के कारण वर्तमान मुद्रा दरों को निर्धारित करता है।

समाचार ट्रेडिंग (News trading) – एक प्रकार की ट्रेडिंग प्रणाली, जिसमे ट्रेडर महत्वपूर्ण आर्थिक समाचार रिलीज के दौरान हुये मूल्य अंतर पर मनाफ़ा प्राप्त करता है।

नॉन-मार्केट कोटेशन (Non-market quotation) – कोटेशन जिसमे निम्नलिखित शर्तो का पालन होता है:
  • मूल्य में उल्लेखनीय अंतर की उपस्थिति;
  • एक छोटी अवधि के भीतर प्राइस गेप के साथ प्रारंभिक स्तर पर कीमत की वापसी;
  • इस कोटेशन की उपस्थिति से पहले तेज गतिशील मूल्य की अनुपस्थिति;
  • कोटेशन की उपस्थिति के दौरान महत्वपूर्ण आर्थिक समाचारों (जिनसे आर्थिक साधन के दर काफी प्रभावित होते है) की अनुपस्थिति।

ऑर्डर (पोजीशन) (Order (position)) – एक निश्चित दर पर ट्रेड निष्पादित करने के लिए ग्राहक का निर्देश (दूसरी मुद्रा के लिए एक मुद्रा को खरीदने या बेचने के लिए)। ऑर्डर खोले जाने के बाद, मुनाफ़ा या नुकसान तय करने के लिए उसे बंद करना जरुरी है।

ऑर्डर (पोजीशन) क्लोजिंग (Order (position) closing) – आर्थिक साधनों के वॉल्यूम को रिवर्स बेचने/खरीदने की प्रक्रिया, जो शुरुआती पोजीशन के खरीदे/बेचे गए वॉल्यूम को पूरा करता है।

ऑर्डर (पोजीशन) ओपनिंग (Order (position) opening) – अनुकूल दिशा में कोटेशन में हुये बदलाव से मुनाफ़ा कमाने के लिए, आर्थिक साधनों की कुछ मात्रा खरीदने या बेचने की प्रक्रिया। ट्रेडिंग परिणामों को तय करने के लिए, आपको ऑर्डर बंद करने की आवश्यकता है।

पेंडिंग ऑर्डर (Pending order) – भविष्य में आर्थिक साधन को खरीदने या बेचने का ऑर्डर, जब कीमत ऑर्डर में निर्दिष्ट कीमत तक पहुंच जाती है।

पिप्स - आर्थिक साधन के मूल्य परिवर्तन के मापन का यूनिट (0.0001)। उदाहरण के लिए, यदि कोटेशन 1.30000 से 1.30010 में बदलता है, तो इसमें 1 पिप की बढ़ोतरी होती है। कृपया ध्यान दें कि पॉइंट और पिप अलग-अलग यूनिट हैं, ध्यान रखें कि 1 पिप = 10 पॉइंट।

पॉइंट आर्थिक साधन के मूल्य परिवर्तन (0, 00001) का सबसे छोटा माप है। उदाहरण के लिए, यदि कोटेशन 1.30000 से 1.30001 में बदलता है, तो इसमें 1 पॉइंट की बढ़ोतरी होती है।

प्रॉफ़िट (Profit) – सभी खर्चों को काटने के बाद, निवेश या ट्रेड से हुयी सकारात्मक वृद्धि।

क्वोटेड मुद्रा (Quoted currency) – मुद्रा, जो मुद्रा जोड़ी में दूसरे स्थान पर है। आधार मुद्रा की कीमत इसकी मदद से प्रतिबिंबित होती है।

प्रतिरोध स्तर (Resistance level) – तकनीकी विश्लेषण का टर्म, जो उस स्तर को निर्धारित करता है जिस पर मार्केट प्रतिभागी अक्सर बिक्री शुरू करते हैं।

रिकोटेशन (Requote) – ऑर्डर देने की प्रक्रिया के दौरान मूल्य परिवर्तन की ट्रेडिंग टर्मिनल में अधिसूचना। आप या तो नई कीमत स्वीकार कर सकते हैं या ऑर्डर के निष्पादन को रद्द कर सकते हैं। रिकोटेशन त्वरित निष्पादन वाले खातों पर दिखाई दे सकते हैं।

स्केल्पिंग - एक ट्रेडिंग रणनीति जिसमे ट्रेडर छोटी अवधि (यहां तक कि कुछ सेकंड भी) के दौरान बड़ी संख्या में ऑर्डर निष्पादित करता है और कई पॉइंट में लाभ सुनिश्चित करता है।

शॉर्ट (Short) – बेचने की पोजीशन। मार्केट कीमत में कमी के साथ इसका मुनाफ़ा बढ़ता है।

स्लिपेज (Slippage) – ऑर्डर देने से उसके निष्पादन तक मार्केट की गति-विधि की मात्रा। यह वह स्थिति है जब ऑर्डर सूचित की गई कीमत की तुलना में कम/ज्यादा कीमत पर निष्पादित होता हैं। उदाहरण के लिए, मार्केट में अस्थिरता के दौरान ऐसा हो सकता है।

सेल लिमिट (Sell limit) – वर्तमान कीमत से अधिक कीमत पर बेचने के लिए पेंडिंग ऑर्डर (वर्तमान से महंगा बेचना)। यह इस उम्मीद के साथ रखा जाता है कि मार्केट कीमत एक निश्चित स्तर तक बढ़ेगी और फिर गिरावट होगी।

सेल स्टॉप (Sell stop) – वर्तमान कीमत से कम कीमत पर बेचने का पेंडिंग ऑर्डर (वर्तमान से सस्ता बेचना)। यह इस उम्मीद के साथ रखा जाता है कि मार्केट कीमत एक निश्चित स्तर तक कम होगी और गिरावट जारी रहेगी।

स्प्रेड (Spread) – मुद्रा के बिड मूल्य और आस्क मूल्य के बीच का वास्तविक समय में अंतर।

स्टॉप आउट (Stop out) – स्वचालित ऑर्डर समापन की प्रक्रिया। यह प्रक्रिया उस समय होती है जब ट्रेडिंग खाते में शेष धन मार्जिन का एक निश्चित प्रतिशत होता है (उदाहरण के लिए, 20%)।

स्टॉप लॉस (Stop loss) – एक प्रकार का पेंडिंग ऑर्डर, जो ट्रेडिंग करते समय नुकसान को सीमित करने में मदद करता है।

सपोर्ट लेवल (Support level) – तकनीकी विश्लेषण का टर्म, जो उस स्तर को निर्धारित करता है जिस पर मार्केट प्रतिभागी अक्सर खरीदना शुरू करते हैं।

स्विसी (CHF) (Swissy (СHF)) – स्विस फ्रैंक का बोलचाल का शब्द।

स्वैप (Swap) – पूरी रात रखी गई ट्रेडिंग पोजीशन का हस्तांतरण शुल्क। फंड को खाते में जोड़ा या काटा जा सकता है।

टेक प्रॉफ़िट (Take profit) – एक प्रकार का पेंडिंग ऑर्डर, जो ट्रेडिंग करते समय मुनाफ़ा तय करने में मदद करता है।

तकनीकी विश्लेषण (ग्राफिकल विश्लेषण) (Technical analysis (graphical analysis)) – एक प्रकार का मार्केट विश्लेषण, जहां पूर्वानुमान इस तथ्य पर आधारित है कि मार्केट के पास स्मृति है और भविष्य के बदलाव अतीत में उसके व्यवहार की पैटर्न से प्रभावित होते है।

ट्रेलिंग स्टॉप (Тrailing stop) – एक उपकरण, जो स्टॉप लॉस स्तर को वर्तमान मूल्य पर एक निश्चित दूरी तक "खींचता है", और तब तक जब तक कि मार्केट मुड़ता है और इसे पास करता है। यह एक-दिशात्मक मजबूत मूल्य गति-विधि के दौरान मददगार साबित होता है।

ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ट्रेडिंग टर्मिनल) (Trading platform (trading terminal)) – ट्रेडर का सॉफ्टवेयर, जो कंप्यूटर या किसी अन्य दूरसंचार उपकरण से ट्रेड को निष्पादित करने देता है।

ट्रेंड (Тrend) – स्पष्ट रूप से एक-दिशात्मक मार्केट गति-विधि (ऊपर – बुलिश, नीचे – बेयरिश, एक तरफ़ा – फ्लैट)।

अस्थिरता (Volatility) – विनिमय दर बदलाव की ताकत।

वॉल्यूम (Volume) – आर्थिक साधन की मात्रा, जिसका एक निश्चित अवधि के दौरान ट्रेड हुआ है।

पिछले लेख
सभी लेख
कॉपी ट्रेडिंग का परिचय: फॉरेक्स और अन्य बाजारों में कॉपी ट्रेडिंग कैसे काम करती हैा होना चाहिए
इस गाइड को अच्छे से पढ़े और जानें कि शुरू से अंत और उससे भी आगे के व्यापार को कैसे कॉपी करें। बुनियादी बातों से लेकर तकनीकी और युक्तियों तक, इस ट्रेडिंग रणनीति को विस्तार से समझाया गया है, ताकि आप पूरी जानकारी।
ज़्यादा जानकारी पढ़ें
सोशल ट्रेडिंग: यह क्या है और इसके जरिए पैसे कैसे कमाए जा सकते हैं
सोशल ट्रेडिंग- क्या यह फॉरेक्स ट्रेडिंग में एक नया ट्रेंड है या केवल एक बज़वर्ड? क्या यह मुनाफे वाला है? सोशल ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा प्लेटफार्म कौन सा है?
ज़्यादा जानकारी पढ़ें
सोशल ट्रेडिंग vs. कॉपी ट्रेडिंग
सोशल ट्रेडिंग और कॉपी ट्रेडिंग: दोनों में क्या फर्क है? एक आर्टिकल के ज़रिए समझने में सरल और आसान, फायदे और नुकसान और सबसे बेहतरीन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म।
ज़्यादा जानकारी पढ़ें