बिल विलियम्स के इस सिदधांत में पांच माप शामिल हैं, जिनमें से तीसरे का उपयोग प्रेरक बल या ड्राइविंग फ़ोर्स के एक्सेलरेटर और डिसेलरेटर को तय करने के लिए किया जाता है। ऑसम ऑसिलेटर की मदद से ट्रेडर मोमेंटम (गति) निर्धारित कर सकता है, लेकिन इसकी मज़बूती को अधिक सटीकता से समझने के लिए एक्सेलरेटर ऑसिलेटर की आवश्यकता होती है।
बाज़ार में मूल्य सबसे अंत में बदलेगी।
इस इंडिकेटर के संस्थापक इसके सार को काफ़ी आसानी से बयान करते हैं। उदाहरण के लिए, आपके पास एक गेंद है, और आप इसे सड़क पर लुड़काने के लिए धक्का देते हैं। यह तेज़ गति से जाती है और फिर रास्ते में एक चढ़ाई आ जाती है। धीरे-धीरे यह धीमी होना शुरू हो जाती है और इसकी गति तब तक धीमी होती रहती है जब तक कि वह दूसरी तरफ़ नहीं पहुँचती। वहाँ से उसकी गति दोबारा तेज़ हो जाती है। याद रखें कि मूल्य बाज़ार में सबसे अंत में बदलेगी, बिल्कुल इस गेंद की तरह। ग्राफ़ में पट्टी की दिशा बदलने से पहले, मोमेंटम बदलेगा, फिर वॉल्यूम बदलेगी, और फिर एक्सेलरेटर बदलेगा। लेकिन हर चीज़ की शुरुआत इस बात से होती है कि हम, यानी ट्रेडर, अपने ट्रेडिंग निर्णय लें, इसलिए सब कुछ हमसे शुरू होता है।
ऑसम ऑसिलेटर हिस्टोग्राम
तो, हमारे पास ऑसम ऑसिलेटर हिस्टोग्राम है, जो हमें प्रेरक बल या ड्राइविंग फ़ोर्स दिखाता है, लेकिन यह अंदाज़ा लगाने के लिए कि क्या कीमत इसकी ओर बढ़ रही है या नहीं, हमें एक्सिलरेटर ऑसिलेटर की ज़रूरत होगी। तो आप देख सकते हैं कि ऑसम ऑसिलेटर हिस्टोग्राम पर पट्टियाँ काफ़ी ऊँची हैं, पट्टियाँ एलीगेटर्स के जबड़ों के बाहर हैं, लेकिन इसी समय एक्सेलेरेटर ऑसिलेटर लगभग अदृश्य है। इसका मतलब यह है कि अभी तक बाज़ार में कोई रुझान नहीं है। सबसे ज़्यादा संभावना इस बात की है कि इस पर “फ़्लोर” ट्रेडर्स का काबू है, जो आपको भड़काने की कोशिश करें और साथ ही ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को स्टॉप लॉस की मदद से अपना पैसा लेकर निकलने के लिए उकसा रहे हैं।
चलिए, संकेतों पर चलते हैं। शून्य रेखा या ज़ीरो लाइन पर ध्यान देने की ज़रूरत नहीं है। इस नियम का पालन करना ज़रूरी है कि एक्सेलेरेटर ऑसिलेटर पट्टी के हरे होने पर लॉन्ग पोज़िशन खोली जानी चाहिए, और लाल होने पर शॉर्ट पोज़िशन खोली जाना चाहिए। ऑसम ऑसिलेटर और एक्सेलेरेटर ऑसिलेटर पट्टियों का एक ही रंग का होना बेहतर होगा। अगर ऐसा नहीं है, और बाज़ार में प्रवेश करने के लिए कोई स्पष्ट संकेत नहीं है, तो बेहतर होगा कि ट्रेडिंग से बचा जाए।
एक्सेलेरेटर ऑसिलेटर के संकेत:
- तब ख़रीदें जब हिस्टोग्राम शून्य रेखा से ऊपर हो। बाय स्टॉप ऑर्डर सेट करने के लिए ज़रूरी है कि एक लाल पट्टी की जगह दो हरी पट्टियाँ आ जाएं;
- तब बेचें जब हिस्टोग्राम शून्य रेखा के नीचे हो। सेल स्टॉप तब सेट किया जाता है जब शून्य से नीचे एक हरे रंग की पट्टी की जगह दो लाल पट्टियाँ आ जाएं;
- तब ख़रीदें जब हिस्टोग्राम शून्य रेखा के नीचे हो। बाय स्टॉप तब सेट किया जाता है जब शून्य रेखा के नीचे लाल पट्टी के बाद उच्चतर न्यूनतम मानों वाली तीन हरी पट्टियाँ दिखाई देती हैं;
- तब बेचें जब हिस्टोग्राम शून्य रेखा से ऊपर हो। सेल स्टॉप को तीसरी लाल पट्टी से मेल खा रही निचली पट्टी या लो बार से एक बिंदु नीचे सेट किया जाता है।
अंतिम दो संकेतों के लिए अधिसूचना: अगर हिस्टोग्राम शून्य रेखा को पार कर लेता है, तो आप आवश्यक रंग की दूसरी पट्टी के बाद पेंडिंग ऑर्डर सेट कर सकते हैं। कृपया याद रखें कि एक्सीलरेटर ऑसिलेटर के संकेतों को सिर्फ़ तब गंभीरता से लिया जाना चाहिए, जब फ़्रैक्टल हो जाता है और एलीगेटर अपना जबड़ा खोल देता है। अन्यथा, आप इसे अपने पैसे “खिलाने” का ख़तरा उठा रहे हैं क्योंकि कीमत लंबे समय तक संतुलन रेखाओं के अंदर रह सकती है। और ऑसम ऑसिलेटर और पट्टियों का अलग विश्लेषण करना न भूलें क्योंकि ये आपको तेज़ी और मंदी के व्यवहार के बारे में बहुत कुछ बताते हैं।
बिल विलियम्स विश्लेषण के तीन मापों की मदद से ट्रेडर न केवल पैसे कमा सकता है, बल्कि वह बाज़ार को एक प्राकृतिक संरचना के रूप में भी स्वीकार कर पाता है।
बिल विलियम्स विश्लेषण के तीनों मापों के इस्तेमाल से ट्रेडर पैसे भी कमा पाएगा और बिना किसी अनावश्यक भावनाओं के बाज़ार को प्राकृतिक संरचना के रूप में स्वीकार भी कर पाएगा। आप तेज़ी से विश्लेषण करना सीख सकेंगे और समय के साथ विभिन्न मुद्रा जोड़ियों और अनुबंधों के साथ काम भी कर पाएंगे।